“लॉक्ड कोरोना पॉजिटिव एरिया” से रेलकर्मियों पर ड्यूटी आने का दबाव

आज जब पूरा विश्व #COVID19 से जूझ रहा है, तब मुंबई मंडल, मध्य रेलवे के #SrDPO रनिंग स्टाफ सहित अन्य रेलकर्मियों को मरवाने पर तुले हुए हैं।

अयोध्यानगरी सोसाइटी, हेंद्रेपाड़ा, बदलापुर (प) में भी पॉजिटिव पेशेंट पाए जाने पर इस एरिया को सील कर दिया गया है।

फिर भी सीनियर डीपीओ रनिंग स्टाफ पर ड्यूटी आने का दबाव डाल रहे हैं।

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बदलापुर की दो सोसाइटी – कृष्णा इस्टेट और अयोध्या नगरी में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट पाए जाने के बाद दोनों सोसायटियों को नगर पालिका, बदलापुर द्वारा पूरी तरह से सील कर दिया गया है।

बैरिकेट्स लगाकर इन दोनों सोसायटियों को पुलिस द्वारा बंद भी कर दिया गया है। इसके बावजूद रेलकर्मियों के मालिक सीनियर डीपीओ वहां रहने वाले ड्राइवरों को फोन कर-करके ड्यूटी पर आने की जिद कर रहे हैं

खुद तो आराम से अपने घर बैठे हैं, पर ड्राइवर्स को ताकीद कर रहे हैं कि “वहां से एक बार निकल आओ, फिर अगले आदेश तक तुमसे यहीं पर कंटिन्यू ड्यूटी करवाएंगे, तुमको घर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”

अब या तो सरकार मूर्ख है या ये अधिकारी रेल का कबाड़ा करना चाहते हैं!

जब सरकार द्वारा एहतियातन उन दोनों सोसाइटियों को पूरी तरह सील कर दिया गया है, तब ऐसी स्थिति में वहां से जो चालक ड्यूटी पर आएंगे, यदि उनमें से एक-दो चालाक भी संक्रमित निकले, तो मुंबई मंडल के लोको पायलट्स, उनके परिवरों तथा अन्य रेलकर्मियों का भविष्य क्या होगा?

क्या तब इसके लिए सीनियर डीपीओ सहित मुंबई मंडल के सभी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा!

दूसरे, अधिकांश रेलकर्मियों का तो पर्याय ढूंढा जा सकता है, लेकिन चालकों (एलपी/एएलपी) के पर्याय के लिए क्या किया जाएगा? जब चालक अभी 12-18 घंटे तक काम कर रहा है, तो कोरोना से पीड़ित होने के बाद बचे खुचे चालकों से कितना कार्य कराया जा सकेगा?

पीएम मोदीजी से निवेदन है कि कृपया मुंबई मंडल, मध्य रेलवे सहित पूरी भारतीय रेल के सीनियर डीपीओ, मुंबई मंडल जैसे सभी अहंमन्य अधिकारियों को थोड़ी सद्बुद्धि अवश्य दें!

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